जॉनथन अब भी जोर जोर से रो रहा था। कुछ ही देर में पुलिस वहां पहुंच गई और उन्होंने उस सीरियल किलर को ढूंढ निकाला जो स्कूल में ही एक क्लासरूम में छुपा हुआ था। जॉनथन ने उस रात जो महसूस किया वह सच था या नहीं यह तो नहीं कह सकते, लेकिन वह बोली, सच में उन्हीं सब लोगों के कटे हुए हाथों से भरी थी, जिन्हें। सीरियल किलर ने मारा था।
जिसके बाद वह लोग कई डॉक्टर, कई वेदों के पास गए। सबने वही चीज बोली तो वह लोग निराश होकर घर लौट गए। कुछ समय बाद website उसी गांव में एक बूढ़ी दादी रहती थी तो वह एक दिन किशोर की पत्नी को देखने आई हुई होती है तो वह देखते ही समझ जाती है कि यह कोई मेडिकल केस नहीं बल्कि किशोर के बच्चे पर तो डायन का साया है।
लेकिन मैं वहीँ पर खड़ा रहा और जेंसी कार के सहारे खड़ी नींद ले रही थी.
अंत में हार कर पमिनबहन और उनके परिवार ने घर छोड़ के वहाँ से चले जाने का फैसला कर लिया।
ब्रम्हांड की काली शक्तियां दिनेश दिवाकर
यह डरावनी कहानी भी आपको एक सीख देगी. आप इस कहानी को जरूर पढ़े और इसका एक छोटा सा सन्देश अपने अन्दर जरुर उतारे. इस कहानी में एक लड़की किरदार होती है, जो अपने घर जाने के लिए रिक्शा किराये पर करती हैं.
हमने उसके निशानों को पीछा करने की कोशिश की लेकिन कोई निशान ही नहीं था. हमने पूरा घर छान लिया लेकिन वहां कोई नहीं था.
एक दिन, रात के समय जब सभी बच्चे खेल रहे थे, राजू ने सोचा कि उसे उस हवेली में ले जाना चाहिए जहाँ उसने वह बच्चा पहले बार देखा था। राजू ने अपने दोस्तों को साथ लेकर हवेली की ओर बढ़ते हुए कहा, “हमें देखना चाहिए कि कौन रो रहा है और क्यों?”
हॉजसन परिवार एक आम सा परिवार था जो एनफील्ड के एक पुराने घर में रहता था। उनके घर में कुछ अजीब घटनाएं होने लगी थीं, जिनके बारे में सोचकर भी उनकी रूह कांप जाती थी। घर की चीजें खुद ही हिलती डुलती थीं। रात में अजीब आवाजें आती थीं और उनकी छोटी बेटी जैनेट को अकसर दर्द और बीमारियों का सामना करना पड़ता था।
राजू ने उसके पास जाकर पूछा, “तुम क्यों रो रहे हो?” बच्चा गंभीर रूप से उत्तर दिया, “मुझे यहाँ आना नहीं चाहिए था, लेकिन मैं गाँव से बहुत दूर खो गया हूँ और अब मुझे रास्ता नहीं पता।”
रात बीतती गई और सब ने मिलकर उस बच्चे को अपने घर वापस ले जाने का निर्णय किया। वह बच्चा बहुत ही खुश था कि उसके साथ नए दोस्त बने हुए थे और उसका दर्द भी कम हो गया था।
पमिनाबहन और उनके परिवार को यह हकीकत पता चलते ही, वह लोग मकान मालिक की अतृप्त आत्मा की मुक्ति का उपाय करवा देते हैं।
कुछ दूर चलने के बाद राकेश के सामने एक बिल्ली आ जाती है और बिल्ली को देखकर राकेश अपना स्कूटर रोक लेता है। बिल्ली के जाने के बाद राकेश चलने के लिए अपना स्कूटर स्टार्ट करता है लेकिन स्कूटर स्टार्ट नहीं होता है। तभी राकेश की नजर जमीन पर पडी एक डॉल (गुड़िया) पर जाती है। राकेश उस डॉल को उठा लेता है और अपने साथ ले जाता है।
शिनॉय को उस रोड पर कुछ भी नहीं दिख रहा था। रोहन बहुत घबरा गया था और उसने वापस से कार स्टार्ट की और जल्दी से अपने घर की ओर निकल गया। अब उसकी नींद पूरी तरह से उड़ चुकी थी। थोड़ा आगे जाकर जब उसकी नजर गाड़ी के रियर व्यू मिरर पर पड़ी तो उसके होश उड़ गए।